कु शानू : लाख दावों के बावजूद आम आदमी को राहत नहीं मिल पाई। देश में पेट्रोल की कीमतों में 1.82 रुपए की बढ़ोतरी कर दी गई है। यह बढ़ोतरी इंडियन ऑयल की ओर से की गई है। आधी रात के बाद से दिल्ली में पेट्रोल अब 68.66 रुपए और मुंबई में 73.74 रुपए मिलेगा।
गौरतलब है कि सरकारी तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल के दाम बढ़ाने के संकेत पहले ही दे दिए थे। इस बार मूल्य वृद्धि के लिए रुपए की कमजोरी मुख्य वजह बताई जा रही है। तेल कंपनियों का कहना है कि डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत गिरने से कच्च तेल आयात करने की लागत बढ़ गई है, जिससे उन्हें नुकसान होने लगा है।
इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम ने गत 16 सितंबर को पेट्रोल के दाम 3.14 रुपए लीटर बढ़ाए थे। तब भारतीय मुद्रा एक अमेरिकी डॉलर के सामने 48 रुपए के आसपास चल रही थी। आज यह 49 रुपए के ऊपर पहुंच गई है।
सरकार गत वर्ष जून में पेट्रोल की कीमत नियंत्रणमुक्त कर चुकी है, लेकिन बढ़ती महंगाई के कारण पेट्रोल की खुदरा कीमतें लागत बढ़ने के अनुरूप नहीं बढ़ीहैं। पेट्रोल की कीमत में संशोधन करने से तेल कंपनियों को सरकार से सलाह लेनी पड़ती है।
एलपीजी सिलेंडर, डीजल के भी दाम बढ़ेंगे !
पेट्रोल के साथ ही लोगों पर महंगे एलपीजी सिलेंडर, डीजल और मिट्टी के तेल का बोझ भी पड़ने वाला है। सरकार डीजल, मिट्टी के तेल और एलपीजी सिलेंडर की कीमतें बढ़ाने की तैयारी में है।
सरकार कह चुकी है कि तेल कंपनियों की आर्थिक सेहत खराब हो रही है। दाम वृद्धि का फैसला मंत्री समूह ही करेगा, हालांकि यह आसान नहीं होगा। समिति के अध्यक्ष वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी हैं।
समिति में यूपीए के घटक दल नेशनल कांफ्रेंस, तृणमूल कांग्रेस और डीएमके भी हैं। तृणमूल कांग्रेस हमेशा से दाम वृद्धि के खिलाफ रही है। अब डीएमके भी इसके खिलाफ नजर आती है।
तेल कपंनियों को डीजल, मिट्टी तेल और एलपीजी सिलेंडर की बिक्री पर इस समय प्रतिदिन 333 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।
गैस सिलेंडर मिलेगा 560 रुपए में
सरकार चाहती है कि एक संख्या के बाद एलपीजी सिलेंडर बाजार भाव पर मिले। ऐसा होने से एक सिलेंडर 560 रुपए का हो जाएगा। इस समय सरकार को एक सिलेंडर पर 260.50 रुपए का घाटा होता है। वहीं डीजल को रियायती मूल्य पर बेचने से तेल कंपनियों को प्रति लीटर पर 9.27 रुपए, मिट्टी तेल पर प्रति लीटर 26.94 रुपए का घाटा हो रहा है।